बया का नया अंक आ गया है... कुछ अपरिहार्य कारणों से यह अंक काफी बिलम्ब से आ पाया इसका खेद है....
इस अंक में प्रस्तुत है :
वरिष्ठ कथाकार-उपन्यासकार बटरोही का नैनीताल पर केन्द्रित आत्मपरक उपन्यास ''गर्भगृह में नैनीताल''।
कहानी खंड में हैं युवा कथाकार दिनेश कर्नाटक, गोविन्द उपाध्याय, इंदिरा दांगी के अलावा नव्यतम कथाकार गुलाम रब्बानी की पहली कहानी 'फतवा का फलूदा'...और रामकुमार आत्रेय की चार लघु कथाऍं।
कविता खंड में वरिष्ठ कवि विजेन्द्र की लंबी कविता 'संवाद : स्वयं से'के अलावा प्रताप राव कदम, अवधेश प्रधान, शैलेय, प्रज्ञा गुप्ता की कविताऍं हैं। साथ में चर्चित गजलकार राम मेश्राम की दस गजलें।
विचार खंड (सृजन-संस्कृति) में मैनेजर पाण्डेय का लेख 'भूमंडलीकृत भारत में अधीनों की स्थिति'मुख्य आकर्षण है। पुस्तक दीर्घा में नामवर सिंह, शंभूनाथ, अरुण प्रकाश, राजेन्द्र दानी, रश्मि रेखा, अनिच्च स्वामी के समीक्षात्मक आलेख हैं, कुछ टिप्पणियॉं भी। नवप्रभा स्तंभ में स्तंभकार सुरेश सलिल ने मिस्री साहित्य से तौफ़ीक़ अल हकीम की कहानी, युसुफ रखा, बहा अव्वाद और आलिया अब्दुस्सलाम की कविताओं के अलावा अजय कुमार की समीक्षा 'संताली कविता की अपनी पहचान : निर्मला पुतुल'तो प्रस्तुत की ही है; साथ ही अज्ञेय से संदर्भित अनछुए पहलू का उद्घाटन करते हुए उन्होंने 'विनोदी अज्ञेय'का शब्द चित्र भी प्रस्तुत किया है।
इस अंक का आवरण चित्र बया और अंतिका ग्रूप के कला संपादक और प्रसिद्ध चित्रकार अशोक भौमिक का है, अंदर के चित्र युवा लोकधर्मी चित्रकार भुनेश्वर भास्कर के हैं।
स्टॉल से यह अंक 30/- में खरीद सकते हैं। रजिस्टर्ड डाक से 60/- में मँगवा सकते हैं। एक साल (चार अंकों) के लिए 240/- अंतिका प्रकाशन के नाम से (पता : सी-56/यूजीएफ-4, शालीमार गार्डन एक्सटेंशन-2, गाजियाबाद-201005) भेजकर सदस्यता ले सकते हैं।