जल-प्रान्तर
एक यादगार कहानी अरुण प्रकाश दूर से मंदिर दिखाई देता था।चारों तरफ फैले अछोर पानी के बीच घिरा शिव मंदिर। पानी इतना गहरा था कि हवा के थपेड़े से लहरें भी कम ही उठ पाती थीं। हवा पूरी तेज़ी से फेंके गए गेंद...
View Articleअरुण प्रकाश : अंतरात्मा बचाने को खूबसूरत जिद्द पालने के शौकीन
गौरीनाथ यूं ये जिद्द/ बड़ी खराब है/पर यही, /यही तो ज़िंदगी का बजता हुआ रबाब है...अरुण प्रकाश अद्भुत जीवट इंसान थे. उनके पास कुछ बहुत खूबसूरत ज़िद्दें थीं. जिनके पास कोई जिद्द न हो वह और कुछ भी हो सकता...
View Articleदाग (उपन्यास) : गौरीनाथ
बहुत दिन भेल, एक्कैस वर्ष, मातृभाषाक प्रति अनुरागक एक टा विशेष क्षण मे मैथिली मे लिखबाक लेल उन्मुख भेल रही—1991 मे— एहि एक्कैस वर्ष मे लगभग दू गोट कथा-संग्रह जोगर कथा आ दू गोट वैचारिक (आलोचनात्मक,...
View Articleविश्व पुस्तक मेला के अवसर पर जनवरी, 2016 में अंतिका प्रकाशन से जारी हो रहीं...
जो मर कर भी अमर हैं (जीवनी-संस्मरण) : स. सुरेश सलिल क्रांतिकारी शहिदों की जीवनी और संस्मरण की किताब. करतार सिंह, भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक, चन्द्रशेखर आज़ाद सहित एक दर्जन से ज़्यादा...
View Articleयात्रा-डायरी : मोखाक माटि : गौरीनाथ
कवि कथाकार आ अग्रज मित्र केदार काननक आग्रह पर लिखल हमर एक टा यात्रा-डायरी 'मोखाक माटि’ शीर्षक सँ वर्ष 2017 मे प्रकाशित 'भारती मंडन’क ताजा अंक (अंक : 13, नव क्रमांक : 1) मे भारी आ भ्रामक गड़बड़ी संग...
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